डायोड एक ऐसा Semiconductor Electronic Component है, जो Current को सिर्फ एक Direction में Flow होने की अनुमति देता है। और यह AC को DC में भी कन्वर्ट कर सकता है।
इसके दो Terminal (Pin) होते है, डायोड में जो Silver Color की line है, उस तरफ का Terminal | Cathode है, और दूसरी तरफ एनोड है।
Real Shape of Diode :–

Circuit Symbol :–

Diode का एनोड Pin (+Ve) पॉजिटिव होती है, जबकि कैथोड की Pin नेगेटिव (-Ve) होती है।
इसे Semiconductor डायोड एवं PN जंक्शन डायोड के नाम से भी जाना जाता है।
Semiconductor डायोड P Types Semiconductor और N Types Semiconductor से बने होते है, इसलिए इन्हें P-N Junction भी डायोड कहते है।

Ac Into Dc Convert Process.

जब भी डायोड के Anode पे AC करंट दिया जाता है, तो डायोड का कैथोड से + Ve Supply out होता है।
और जब भी कैथोड पर AC करंट दिया जाता है तो Anode से – Ve Supply out होता है। और यही + Ve And – Ve सप्लाई, DC, सप्लाई होता है।
डायोड का + Ve पिन केवल + Ve सप्लाई को ही Pass होने देता है। जबकि – Ve Pin सप्लाई के नेगेटिव Charge को ही Pass होने देता है।
यानी कैथोड से पॉजिटिव सप्लाई आउट होता है, जबकि Anode से नेगेटिव सप्लाई आउट होती है।
डायोड से करंट पास होने के प्रोसेस को Bias के नाम से जाना जाता है। जिसे Forward Bias And Reverse Bias और नाम से जाना जाता है।
यदि करंट डायोड के एनोड से कैथोड की ओर या कैथोड से एनोड की ओर ट्रांसफर (Pass) हो जाए, तो उसे Forward Bias कहा जाता है और ट्रांसफर ना हो सके तो उसे Reverse Bias कहा जाता है।
फॉरवर्ड Bias और रिवर्स Bias के कुछ उदाहरण।

Forward Bias Diode:– अगर Battery के Negative Terminal को Diode के Cathode Terminal के साथ जोड़ा जाए तो हम कहते है की Diode Forward Bias है, क्योंकि ऐसे Connection में Diode करंट को सिर्फ एक ही दिशा में बहने देता है, या फिर ऐसे Connection में Diode On रहता है।
Forward Bias : –

Reverse Bias Diode:– अगर Battery के Connection उल्टे कर दिए जाए या फिर अगर Battery के Positive Terminal को Diode के Cathode Terminal से और Battery के Negative Terminal को Diode के Anode Terminal से जोड़ दिया जाए तो ऐसे Connection को Reverse Bias बोला जाएगा, क्यूंकि इस Connection में Diode Current को बहने नहीं देगा या फिर Block कर देगा।
Reversed Bias :

Testing of Diode:–
सबसे पहले (सर्वप्रथम) मल्टीमीटर को रेसिस्टेन्स की रेंज या डायोड की रेंज पर सैट कर लेते है।
अब मल्टीमीटर की लाल तार (Red Probe) को डायोड के एनोड से, तथा काली तार (Black Probe) को कैथोड से, कनैक्ट करते है।
मल्टीमीटर के (तार) Probe को Connect करने के साथ ही मल्टीमीटर में कुछ भी वैल्यू (Value) Show होना चाहिए, लेकिन (तार) Probe को Interchange करके लगाने से मल्टीमीटर मैं कुछ भी Value ना आती हो तो Diode Ok होता है। (अतार्थ Anode से Black Proble और Cathode पर Red Probe लगाना है।)
यदि दोनों साइड से वैल्यू (Value) आ जाए तो Diode खराब (Leakage) होता है।
यदि दोनों साइड से Beep तो भी Diode खराब (Short ) होता है।
यदि दोनों साइड से No Beep No Value आये तो भी Diode खराब (open) होता है।
Note:– अर्थात किसी भी कंडीसन में मल्टीमीटर से Check करने पर Only One Side Value Show करना चाहिए।

Work of Diode or Function of diode :–
डायोड का मेन काम, रिवर्स Voltage से सर्किट को प्रोटेक्ट करना (सुरक्षा देना) और रेक्टिफिकेशन करना
है।
Rectification Of Diode:– जब डायोड किसी AC वोल्टेज को DC में कन्वर्ट करें तो वह प्रोसेस
रेक्टिफिकेशन कहलाता है।
डायोड से पांच टाइप के रेक्टिफायर (Rectifier) बनते हैं। जो AC Supply, DC Supply में कन्वर्ट होता है।

1. Half Way +ve Rectifier
II.Half Way -ve Rectifier
III.Full Way +ve Rectifier
IV.Full Way – ve Rectifier
V.Bridge Rectifire.
1. Half Way +Ve_Rectifier :– इस रेक्टिफायर का मेन काम AC को डीसी में कन्वर्ट करना होता है।
इस Rectifier में मेन रूप से एक डायोड एक कैपेसिटर और एक पावर सोर्स का यूज किया जाता है।
इस Rectifier से आउट होने वाला DC करट का एंपियर (Ampere) लेवल बहुत ही कम होती है। इसी
कारण, इस तरह के रेक्टिफायर की यूज़ केवल छोटे सर्किट में किया जाता है।
2. Half Way-Ve Rectifier :– यह भी एक टाइप का हाफ वेव रेक्टिफायर है जिसका मेन काम AC को – Ve DC में Convert करना होता है।

3. Full Way + Ve_Rectifier :– इस टाइप के रेक्टिफायर का यूज़ AC को De में कन्वर्ट करने के लिए किया जाता है। लेकिन इससे बनने वाले DC करंट का एम्पियर लेबर काफी हाय होती है। क्योंकि इसमें दो डायोड की हेल्प से रेक्टिफिकेशन का काम पूरा होता है।

4. Full Way – Ve Rectifier :- इस रेक्टिफायर का भी काम.को डीसी में कन्वर्ट करना होता है। लेकिन इससे आउट होने वाला डीसी करंट की वोल्टेज नेगेटिव वोल्टेज होती है। क्योंकि इसमें लगने वाला डायोड का डायरेक्शन रिवर्स बॉयस में होता है।

5. Bridge Rectifire:– यह रेक्टिफायर मेन रूप से 4 डायोड का कॉन्बिनेशन होता है। जिसका मेन काम
AC की DC में कन्वर्ट करना होता है।

Type of Diode :–
1. P-N Junction Diode
2. Zener Diode
3. Light Emitting Diode
4. Tunnel Diode
5. Schottky Diode
6. Photo Diode
7. Bridge Diode
8. Laser Diode
1. Rectifier Diode (P-N junction diode):– यह एक साधारण P-N जंक्शन डायोड है इसका आधा भाग P टाइप सेमी कन्डक्टर से तथा आधा भाग N टाइप सेमी कन्डक्टर से मिलकर बना होता है। इसका उपयोग AC वोल्टेज को DC वोल्टेज में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है। इसीलिए इसे रैक्टिफायर डायोड कहते है। इसका प्रयोग बैटरी एलिमिनेटर (बैट्री बूस्टर) बनाने तथा विभिन्न प्रकार की पावर सप्लाई सर्किट्स में किया जाता है।
Real Shape And Symbol :–

2. SMD Diode :– SMD Diode नॉर्मल डायोड का ही TYPE है जिसका मेन काम नॉर्मल जैसा ही होता है। इसका use, Circuit को Small And lightweight करने के लिए होता है। और इसका सबसे ज्यादा Use Mobile, LED – LCD TV And लैपटॉप जैसे सर्किट में होता है।
SMD Diode Real Shape :–

Zener Diode (जीनर डायोड ):– इसे जीनर या एवलांची डायोड भी कहते है। इसका कार्य डी. सी. कराना होता है। जीनर डायोड रिवर्स बायस में कार्य करता है। यह डायोड एक सामान्य डायोड की तरह बिजली को आगे की दिशा में प्रवाहित करने का काम करता है लेकिन जब कभी वोल्टेज ब्रेकडाउन वोल्टेज से ज्यादा हो जाए तो यह उस समय उसे उल्टी दिशा में बहने का निर्देश देता है। मतलब यह रिवर्स बायस में भी काम करता है।) इसके अविष्कार का उद्देश्य केवल एकदम से आ जाने वाली वोल्टेज से बचने के लिए किया गया था। जेनर डायोड वोल्टेज रेगुलेटर के तौर पर भी काम करता है।
Denoting Latter :– D, Z DZ, ZD
Real Shape & Symbol of Zener Diode :

4. Light emitting diode (लाइट इमिटिंग डायोड ):– यह डाय इलेक्ट्रिक एनर्जी को लाइट एनर्जी में परिवर्तित करने का काम करता है। यह डायोड Electroluminescence विधि के तहत इलेक्ट्रॉन्स और होल्स को ऊर्जा बनाने के लिए फॉरवार्ड बायस में प्रकाश के सारे फिर से जोड़ने का काम करता है। यह काफी मात्रा में बिजली बचाता है जिस वजह से लोग इसे घरों में इस्तेमाल करना पसंद करते हैं।
5. Schottky diode :– SCHOTTKY Diode को SCHOTTKY CARRIER DIODE OR HOT CARRIER DIODE भी कहते है। इसका प्रयोग हाई स्विचिंग वाली जगह पर किया जाता है। नार्मल PN Junction Diode की अपेक्षा इसकी स्विचिंग स्पीड बहुत अधिक होती है डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक में इसका प्रयोग किया जाता है।
नार्मल PN JUNCTION डायोड हाई फ्रीक्वेंसी पर ठीक तरह से काम नही करते खराब हो सकते है। और ac rectify आऊटपुट भी हाई फ्रीक्वेंसी में सही नही होता उसमे नेगेटिव पल्स भी आ जाते है जिससे बचने के लिए SCHOTTKY DIODE का प्रयोग किया जाता हैं इसमे किसी भी तरह का जंक्शन नही होता है।
Circuit Symbol :–

इसके साइड-साइड के पिन एनोड होती है और यह AC input पिन होता है और मिडल पिन कैथोड और DC Output होता है।
6. Photo Diode :– फोटो डायोड एक प्रकार का सेंसर होता है जो प्रकाश को करंट या वोल्टेज में परिवर्तित करता है।

7. Bridge Diode :– एक Bridge Diode एक Diode Module है। जो एक पैकेज में 4 से 6 डायोड का Bridge कनेक्शन बनाता है। और इसका Use AC करंट को DC करंट में कन्वर्ट करने के लिए किया जाता है।
A bridge Diode is a diode Module That Forms a Bridge Connection of 4 to 6 Diodes in one Package, And it is used for rectifying an Alternating Current Into A Direct Current Or Pulsating Current.

इस डायोड का Use ब्रिज रेक्टिफायर के जगह AC को DC में कन्वर्ट करने के लिए किया जाता है।
इसका सबसे ज्यादा Use पावर सप्लाई में AC को DC में कन्वर्ट करने में होता है।
Laser diode:– लेज़र डायोड, इंजेक्शन लेजर डायोड के नाम से भी काफी प्रचलित है। यह डायोड Light Emitting Diode की तरह काम करता है, लेकिन उसमें इस्तेमाल होने वाली लाइट एक लेजर बीम बनाता है। लेज़र डायोड का इस्तेमाल इन दिनों बारकोड रीडर, अलावा भी कई अन्य कार्यों में किया जाता है।

लेज़र डायोड का Use हमारे Laptop Mother Board Circuit में नहीं होता है।